Dharm Nagri Bharat (Temples in India)

Dev Deveshwar Mahadev Naimisharanya

देव देवेश्वर महादेव मंदिर एक स्वयंभू शिव लिंग से संबंधित है।

अट्ठासी हजार ऋषि मुनियों की तपस्या से प्रसन्न होकर वायु देवता ने स्वयं इस शिवलिंग की स्थापना करके ऋषि मुनियों को शिव की मर्यादा और पाशुपात स्त्वन को बताया था वामन पुराण की माने तो इस प्राचीन देव देवेश्वर मंदिर में भक्त प्रहलाद द्वारा पूजा अर्चना का उल्लेख मिलता है लोक प्रिय महाभारत ग्रन्थ में उल्लेख मिलता है कि शिव देवदेवेश्वर की महिमा से एक मृत बालक जीवित हो उठा था तभी से इस सिद्ध शिवलिंग का प्रताप विश्वविख्यात चल रहा है देवदेवेश्वर की सच्ची महिमा एवं उनके प्रताप की एक मध्ययुगीन ऐतिहासिक गाथा भी प्रचलित है शिव पार्वती संबाद की माने तो भगवान शिव के 42 अवतारों में एक अवतार नैमिष की पावन धरती पर हुआ है उन्हीं को देवदेवेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है जिससे सम्पूर्ण नैमिष धाम के रक्षक भी माने जाते है धर्माचार्यो की माने तो आज भी इस शिव मंदिर में मध्य रात्रि के दौरान देव संसद चलती बताई जाती है जिससे मंदिर के पुजारी व्दारा मध्य रात्रि के पहले ही मंदिर के कपाट बन्द कर दिये जाते है अन्यथा मध्य रात्रि को मंदिर के कपाट अपने आप स्वतः बन्द हो जाते है

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