Dharm Nagri Bharat (Temples in India)
Naimisharanya Chakra Teerth

Naimisharanya Chakra Tirth

Naimisharanya Chakra Tirth

Naimisharanya Chakra Tirth is a sacred pilgrimage path located in the serene and ancient Naimisharanya forest. It holds immense significance in Hindu mythology and spirituality. This revered site is believed to be the abode of sages and rishis who sought spiritual enlightenment and engaged in profound meditation. The Chakra Tirth encompasses various temples, ashrams, and sacred spots that dot the landscape of Naimisharanya. Devotees and spiritual seekers flock to this divine place to seek blessings, engage in meditation, and embark on a transformative journey.

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Naimisharanya Chakra Teerth

Naimisharanya Chakra Tirth

Naimisharanya Chakra Tirth

Naimisharanya Chakra Tirth is a sacred pilgrimage path located in the serene and ancient Naimisharanya forest. It holds immense significance in Hindu mythology and spirituality. This revered site is believed to be the abode of sages and rishis who sought spiritual enlightenment and engaged in profound meditation. The Chakra Tirth encompasses various temples, ashrams, and sacred spots that dot the landscape of Naimisharanya. Devotees and spiritual seekers flock to this divine place to seek blessings, engage in meditation, and embark on a transformative journey.

(सिद्धेश्वर महादेव मंदिर)

एक चरवाहे द्वारा जंगल में घास काटने के दौरान उसकी खुरपी लगने से शिवलिंग से खून निकलने लगा । चरवाहा घबराकर घर भाग आया। तब भगवान ने उसके सपने में आकर उसे उस स्थान की सफाई करने को कहा । चरवाहे ने इस स्थान की सफाई की तो उसे शिवलिंग दिखाई दी। क्षेत्र के लोग प्रतिदिन शिवलिंग की पूजा-अर्चना करने लगे। शिवलिंग के आसपास लोगों ने चबूतरे का निर्माण करवा दिया। बुजुर्गों के मुताबिक इस स्थान पर आने वाले लोगों की मुरादें पूरी होने लगीं। धीरे- धीरे आसपास के क्षेत्र में यह स्थान सिद्धेश्वर महादेव मंदिर के नाम से विख्यात हो गया। बताते हैं कि कुछ लोगों ने शिवलिंग को ऊपर उठाने लिए कई मीटर तक जमीन खोदी लेकिन शिवलिंग का अंत नहीं मिला। आज भी शिवलिंग जमीन के काफी नीचे तक है।

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(सिद्धेश्वर महादेव मंदिर)

एक चरवाहे द्वारा जंगल में घास काटने के दौरान उसकी खुरपी लगने से शिवलिंग से खून निकलने लगा । चरवाहा घबराकर घर भाग आया। तब भगवान ने उसके सपने में आकर उसे उस स्थान की सफाई करने को कहा । चरवाहे ने इस स्थान की सफाई की तो उसे शिवलिंग दिखाई दी। क्षेत्र के लोग प्रतिदिन शिवलिंग की पूजा-अर्चना करने लगे। शिवलिंग के आसपास लोगों ने चबूतरे का निर्माण करवा दिया। बुजुर्गों के मुताबिक इस स्थान पर आने वाले लोगों की मुरादें पूरी होने लगीं। धीरे- धीरे आसपास के क्षेत्र में यह स्थान सिद्धेश्वर महादेव मंदिर के नाम से विख्यात हो गया। बताते हैं कि कुछ लोगों ने शिवलिंग को ऊपर उठाने लिए कई मीटर तक जमीन खोदी लेकिन शिवलिंग का अंत नहीं मिला। आज भी शिवलिंग जमीन के काफी नीचे तक है।

Shree Bageshwar Dham Bala ji Sarkar Temple
Bala ji Darshan
Bala ji Darshan

Bageshwar Dham Sarkar मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है।  इस धाम में रामभक्त हनुमान जी अपने श्री बागेश्वर बालाजी महाराज के स्वरुप में वास करते हैं और भक्तों का भला करते हैं। इस मंदिर / धाम में आने के लिए सभी भक्तगणों को अपनी अर्जी लगानी होती है। अर्जी स्वीकार होने पर उन्हें निःशुल्क टोकन मिलता है।

Bala ji Darshan
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Shree Bageshwar Dham Bala ji Sarkar Temple
Bala ji Darshan
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Bageshwar Dham Sarkar मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है।  इस धाम में रामभक्त हनुमान जी अपने श्री बागेश्वर बालाजी महाराज के स्वरुप में वास करते हैं और भक्तों का भला करते हैं। इस मंदिर / धाम में आने के लिए सभी भक्तगणों को अपनी अर्जी लगानी होती है। अर्जी स्वीकार होने पर उन्हें निःशुल्क टोकन मिलता है।

Bala ji Darshan
Gomti Rajghat Naimisharanya

गोमती राजघाट नैमिषारण्य हिन्दुओं का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। जो उत्तर प्रदेश में लखनऊ से लगभग 80 किमी दूर सीतापुर जिले में है प्रतिदिन गोमतीराजघाट नैमिषारण्य,सीतापुर से माता गोमती के दर्शन व पूजा आरती का लाभ प्राप्त करे।।श्री अष्टांग कवच आरती की तरफ से सभी भक्तगणों को मां आदिगंगा गोमती का हार्दिक आशीर्वाद ।।

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Gomti Rajghat Naimisharanya

गोमती राजघाट नैमिषारण्य हिन्दुओं का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। जो उत्तर प्रदेश में लखनऊ से लगभग 80 किमी दूर सीतापुर जिले में है प्रतिदिन गोमतीराजघाट नैमिषारण्य,सीतापुर से माता गोमती के दर्शन व पूजा आरती का लाभ प्राप्त करे।।श्री अष्टांग कवच आरती की तरफ से सभी भक्तगणों को मां आदिगंगा गोमती का हार्दिक आशीर्वाद ।।

शारदानगर बालाजी मंदिर

श्री बाला जी का मन्दिर पांच बीघा में फैला हुआ है यह स्थान शारदा नदी के किनारे बसा हुआ बहुत आकर्षक दिखाई पड्ता है | यहाँ की शुध्द जलवायु और पवित्र वतावरण मन को बहुत आनंद प्रदान करता है |यहाँ नगर जीवन की रचनाएँ भी देखने को मिलेंगी जहाँ घने वृक्षों के बीच मन्दिर बना हुआ है दूर -दूर से आये हुए भक्त अपनी थकान मिटते हुए प्रसाद कि दुकानों पर हाथ -पैर धोकर प्रसाद में श्री बाला जी के प्रिय भोग बेसन के लड्डू व फूल माला आदि लेकर मंदिर में प्रवेश करते हैं जहाँ पर विशाल श्री बाला जी के दर्शन करते हुए भगवान का भोग लगाते हैं और आशीर्वाद पातें हैं 

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शारदानगर बालाजी मंदिर

श्री बाला जी का मन्दिर पांच बीघा में फैला हुआ है यह स्थान शारदा नदी के किनारे बसा हुआ बहुत आकर्षक दिखाई पड्ता है | यहाँ की शुध्द जलवायु और पवित्र वतावरण मन को बहुत आनंद प्रदान करता है |यहाँ नगर जीवन की रचनाएँ भी देखने को मिलेंगी जहाँ घने वृक्षों के बीच मन्दिर बना हुआ है दूर -दूर से आये हुए भक्त अपनी थकान मिटते हुए प्रसाद कि दुकानों पर हाथ -पैर धोकर प्रसाद में श्री बाला जी के प्रिय भोग बेसन के लड्डू व फूल माला आदि लेकर मंदिर में प्रवेश करते हैं जहाँ पर विशाल श्री बाला जी के दर्शन करते हुए भगवान का भोग लगाते हैं और आशीर्वाद पातें हैं