Dharm Nagri Bharat (Temples in India)
Amarnath temple
Shri Amarnath Cave Temple

Shri Amarnath Cave Temple

अमरनाथ गुफा: एक पवित्र तीर्थस्थल

अमरनाथ गुफा जम्मू और कश्मीर राज्य में स्थित एक पवित्र हिंदू तीर्थस्थल है, जो शिव भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह गुफा समुद्र तल से लगभग 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यहां तक पहुंचने के लिए एक कठिन यात्रा की आवश्यकता होती है।

  • धार्मिक महत्व

    अमरनाथ गुफा में भगवान शिव का एक प्राकृतिक शिवलिंग है, जो बर्फ से निर्मित होता है। इसे अमरनाथ का हिमलिंग कहा जाता है। इस पवित्र शिवलिंग का निर्माण प्राकृतिक रूप से हर साल होता है और यह भक्तों के लिए अद्भुत और दिव्य अनुभव प्रदान करता है।
  • यात्रा का मार्ग

    अमरनाथ गुफा की यात्रा दो प्रमुख मार्गों से की जा सकती है:
    1. पहलगाम मार्ग: यह पारंपरिक और सबसे लोकप्रिय मार्ग है। यह लगभग 36 किलोमीटर लंबा है और इसमें पांच दिन का समय लगता है।
    2. बालटाल मार्ग: यह मार्ग छोटा और सीधा है, जिसकी लंबाई लगभग 14 किलोमीटर है, लेकिन यह अधिक कठिन और चुनौतीपूर्ण है।
  • यात्रा का समय

    अमरनाथ यात्रा का समय जून से अगस्त के बीच होता है। यह अवधि शावन मास के दौरान होती है, जब हजारों भक्त गुफा तक पहुंचते हैं। यात्रा का आयोजन श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड द्वारा किया जाता है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाते हैं।
  • मान्यता और कथा

    अमरनाथ गुफा से जुड़ी एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, भगवान शिव ने माता पार्वती को यहां अमरकथा सुनाई थी। इस कथा को सुनने के लिए कोई और जीवित न रहे, इसलिए उन्होंने अपने चारों ओर आग जलाकर सभी को भस्म कर दिया। हालांकि, एक कबूतर के जोड़े ने यह कथा सुन ली और वे अमर हो गए। आज भी कई भक्त गुफा में उन कबूतरों को देखने का दावा करते हैं।
  • सुरक्षा और सुविधा

    भक्तों की सुरक्षा के लिए यात्रा के दौरान विभिन्न कैंप और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। यात्रा मार्ग पर भोजन, पानी और अन्य आवश्यक वस्तुएं भी उपलब्ध होती हैं।

अमरनाथ गुफा की यात्रा एक अद्वितीय धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभव है, जो श्रद्धालुओं के मन में गहरी आस्था और भक्ति का संचार करता है। इस पवित्र तीर्थस्थल की यात्रा करने वाले भक्तों के लिए यह एक जीवनपर्यंत यादगार अनुभव होता है।

अमरनाथ गुफा भगवान शिव के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। अमरनाथ को तीर्थों का तीर्थ कहा जाता है क्यों कि यहीं पर भगवान शिव ने माँ पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था।

यहाँ की प्रमुख विशेषता पवित्र गुफा में बर्फ से प्राकृतिक शिवलिंग का निर्मित होना है। प्राकृतिक हिम से निर्मित होने के कारण इसे स्वयंभू हिमानी शिवलिंग भी कहते हैं। आषाढ़ पूर्णिमा से शुरू होकर रक्षाबंधन तक पूरे सावन महीने में होने वाले पवित्र हिमलिंग दर्शन के लिए लाखों लोग यहां आते हैं। गुफा की परिधि लगभग डेढ़ सौ फुट है और इसमें ऊपर से बर्फ के पानी की बूँदें जगह-जगह टपकती रहती हैं। यहीं पर एक ऐसी जगह है, जिसमें टपकने वाली हिम बूँदों से लगभग दस फुट लंबा शिवलिंग बनता है। चन्द्रमा के घटने-बढ़ने के साथ-साथ इस बर्फ का आकार भी घटता-बढ़ता रहता है। श्रावण पूर्णिमा को यह अपने पूरे आकार में आ जाता है और अमावस्या तक धीरे-धीरे छोटा होता जाता है। 

Shri Amarnath Cave Temple

Amarnath cave
Amarnath temple
North
Shri Amarnath Cave Temple

Shri Amarnath Cave Temple

अमरनाथ गुफा: एक पवित्र तीर्थस्थल

अमरनाथ गुफा जम्मू और कश्मीर राज्य में स्थित एक पवित्र हिंदू तीर्थस्थल है, जो शिव भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह गुफा समुद्र तल से लगभग 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यहां तक पहुंचने के लिए एक कठिन यात्रा की आवश्यकता होती है।

  • धार्मिक महत्व

    अमरनाथ गुफा में भगवान शिव का एक प्राकृतिक शिवलिंग है, जो बर्फ से निर्मित होता है। इसे अमरनाथ का हिमलिंग कहा जाता है। इस पवित्र शिवलिंग का निर्माण प्राकृतिक रूप से हर साल होता है और यह भक्तों के लिए अद्भुत और दिव्य अनुभव प्रदान करता है।
  • यात्रा का मार्ग

    अमरनाथ गुफा की यात्रा दो प्रमुख मार्गों से की जा सकती है:
    1. पहलगाम मार्ग: यह पारंपरिक और सबसे लोकप्रिय मार्ग है। यह लगभग 36 किलोमीटर लंबा है और इसमें पांच दिन का समय लगता है।
    2. बालटाल मार्ग: यह मार्ग छोटा और सीधा है, जिसकी लंबाई लगभग 14 किलोमीटर है, लेकिन यह अधिक कठिन और चुनौतीपूर्ण है।
  • यात्रा का समय

    अमरनाथ यात्रा का समय जून से अगस्त के बीच होता है। यह अवधि शावन मास के दौरान होती है, जब हजारों भक्त गुफा तक पहुंचते हैं। यात्रा का आयोजन श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड द्वारा किया जाता है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाते हैं।
  • मान्यता और कथा

    अमरनाथ गुफा से जुड़ी एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, भगवान शिव ने माता पार्वती को यहां अमरकथा सुनाई थी। इस कथा को सुनने के लिए कोई और जीवित न रहे, इसलिए उन्होंने अपने चारों ओर आग जलाकर सभी को भस्म कर दिया। हालांकि, एक कबूतर के जोड़े ने यह कथा सुन ली और वे अमर हो गए। आज भी कई भक्त गुफा में उन कबूतरों को देखने का दावा करते हैं।
  • सुरक्षा और सुविधा

    भक्तों की सुरक्षा के लिए यात्रा के दौरान विभिन्न कैंप और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। यात्रा मार्ग पर भोजन, पानी और अन्य आवश्यक वस्तुएं भी उपलब्ध होती हैं।

अमरनाथ गुफा की यात्रा एक अद्वितीय धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभव है, जो श्रद्धालुओं के मन में गहरी आस्था और भक्ति का संचार करता है। इस पवित्र तीर्थस्थल की यात्रा करने वाले भक्तों के लिए यह एक जीवनपर्यंत यादगार अनुभव होता है।

अमरनाथ गुफा भगवान शिव के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। अमरनाथ को तीर्थों का तीर्थ कहा जाता है क्यों कि यहीं पर भगवान शिव ने माँ पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था।

यहाँ की प्रमुख विशेषता पवित्र गुफा में बर्फ से प्राकृतिक शिवलिंग का निर्मित होना है। प्राकृतिक हिम से निर्मित होने के कारण इसे स्वयंभू हिमानी शिवलिंग भी कहते हैं। आषाढ़ पूर्णिमा से शुरू होकर रक्षाबंधन तक पूरे सावन महीने में होने वाले पवित्र हिमलिंग दर्शन के लिए लाखों लोग यहां आते हैं। गुफा की परिधि लगभग डेढ़ सौ फुट है और इसमें ऊपर से बर्फ के पानी की बूँदें जगह-जगह टपकती रहती हैं। यहीं पर एक ऐसी जगह है, जिसमें टपकने वाली हिम बूँदों से लगभग दस फुट लंबा शिवलिंग बनता है। चन्द्रमा के घटने-बढ़ने के साथ-साथ इस बर्फ का आकार भी घटता-बढ़ता रहता है। श्रावण पूर्णिमा को यह अपने पूरे आकार में आ जाता है और अमावस्या तक धीरे-धीरे छोटा होता जाता है। 

Shri Amarnath Cave Temple

Amarnath cave
Amarnath temple
(सिद्धेश्वर महादेव मंदिर)

एक चरवाहे द्वारा जंगल में घास काटने के दौरान उसकी खुरपी लगने से शिवलिंग से खून निकलने लगा । चरवाहा घबराकर घर भाग आया। तब भगवान ने उसके सपने में आकर उसे उस स्थान की सफाई करने को कहा । चरवाहे ने इस स्थान की सफाई की तो उसे शिवलिंग दिखाई दी। क्षेत्र के लोग प्रतिदिन शिवलिंग की पूजा-अर्चना करने लगे। शिवलिंग के आसपास लोगों ने चबूतरे का निर्माण करवा दिया। बुजुर्गों के मुताबिक इस स्थान पर आने वाले लोगों की मुरादें पूरी होने लगीं। धीरे- धीरे आसपास के क्षेत्र में यह स्थान सिद्धेश्वर महादेव मंदिर के नाम से विख्यात हो गया। बताते हैं कि कुछ लोगों ने शिवलिंग को ऊपर उठाने लिए कई मीटर तक जमीन खोदी लेकिन शिवलिंग का अंत नहीं मिला। आज भी शिवलिंग जमीन के काफी नीचे तक है।

North
(सिद्धेश्वर महादेव मंदिर)

एक चरवाहे द्वारा जंगल में घास काटने के दौरान उसकी खुरपी लगने से शिवलिंग से खून निकलने लगा । चरवाहा घबराकर घर भाग आया। तब भगवान ने उसके सपने में आकर उसे उस स्थान की सफाई करने को कहा । चरवाहे ने इस स्थान की सफाई की तो उसे शिवलिंग दिखाई दी। क्षेत्र के लोग प्रतिदिन शिवलिंग की पूजा-अर्चना करने लगे। शिवलिंग के आसपास लोगों ने चबूतरे का निर्माण करवा दिया। बुजुर्गों के मुताबिक इस स्थान पर आने वाले लोगों की मुरादें पूरी होने लगीं। धीरे- धीरे आसपास के क्षेत्र में यह स्थान सिद्धेश्वर महादेव मंदिर के नाम से विख्यात हो गया। बताते हैं कि कुछ लोगों ने शिवलिंग को ऊपर उठाने लिए कई मीटर तक जमीन खोदी लेकिन शिवलिंग का अंत नहीं मिला। आज भी शिवलिंग जमीन के काफी नीचे तक है।

Shree Bageshwar Dham Bala ji Sarkar Temple
Bala ji Darshan
Bala ji Darshan

Bageshwar Dham Sarkar मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है।  इस धाम में रामभक्त हनुमान जी अपने श्री बागेश्वर बालाजी महाराज के स्वरुप में वास करते हैं और भक्तों का भला करते हैं। इस मंदिर / धाम में आने के लिए सभी भक्तगणों को अपनी अर्जी लगानी होती है। अर्जी स्वीकार होने पर उन्हें निःशुल्क टोकन मिलता है।

Bala ji Darshan
North
Shree Bageshwar Dham Bala ji Sarkar Temple
Bala ji Darshan
Bala ji Darshan

Bageshwar Dham Sarkar मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है।  इस धाम में रामभक्त हनुमान जी अपने श्री बागेश्वर बालाजी महाराज के स्वरुप में वास करते हैं और भक्तों का भला करते हैं। इस मंदिर / धाम में आने के लिए सभी भक्तगणों को अपनी अर्जी लगानी होती है। अर्जी स्वीकार होने पर उन्हें निःशुल्क टोकन मिलता है।

Bala ji Darshan
Gomti Rajghat Naimisharanya

गोमती राजघाट नैमिषारण्य हिन्दुओं का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। जो उत्तर प्रदेश में लखनऊ से लगभग 80 किमी दूर सीतापुर जिले में है प्रतिदिन गोमतीराजघाट नैमिषारण्य,सीतापुर से माता गोमती के दर्शन व पूजा आरती का लाभ प्राप्त करे।।श्री अष्टांग कवच आरती की तरफ से सभी भक्तगणों को मां आदिगंगा गोमती का हार्दिक आशीर्वाद ।।

North
Gomti Rajghat Naimisharanya

गोमती राजघाट नैमिषारण्य हिन्दुओं का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। जो उत्तर प्रदेश में लखनऊ से लगभग 80 किमी दूर सीतापुर जिले में है प्रतिदिन गोमतीराजघाट नैमिषारण्य,सीतापुर से माता गोमती के दर्शन व पूजा आरती का लाभ प्राप्त करे।।श्री अष्टांग कवच आरती की तरफ से सभी भक्तगणों को मां आदिगंगा गोमती का हार्दिक आशीर्वाद ।।

शारदानगर बालाजी मंदिर

श्री बाला जी का मन्दिर पांच बीघा में फैला हुआ है यह स्थान शारदा नदी के किनारे बसा हुआ बहुत आकर्षक दिखाई पड्ता है | यहाँ की शुध्द जलवायु और पवित्र वतावरण मन को बहुत आनंद प्रदान करता है |यहाँ नगर जीवन की रचनाएँ भी देखने को मिलेंगी जहाँ घने वृक्षों के बीच मन्दिर बना हुआ है दूर -दूर से आये हुए भक्त अपनी थकान मिटते हुए प्रसाद कि दुकानों पर हाथ -पैर धोकर प्रसाद में श्री बाला जी के प्रिय भोग बेसन के लड्डू व फूल माला आदि लेकर मंदिर में प्रवेश करते हैं जहाँ पर विशाल श्री बाला जी के दर्शन करते हुए भगवान का भोग लगाते हैं और आशीर्वाद पातें हैं 

North
शारदानगर बालाजी मंदिर

श्री बाला जी का मन्दिर पांच बीघा में फैला हुआ है यह स्थान शारदा नदी के किनारे बसा हुआ बहुत आकर्षक दिखाई पड्ता है | यहाँ की शुध्द जलवायु और पवित्र वतावरण मन को बहुत आनंद प्रदान करता है |यहाँ नगर जीवन की रचनाएँ भी देखने को मिलेंगी जहाँ घने वृक्षों के बीच मन्दिर बना हुआ है दूर -दूर से आये हुए भक्त अपनी थकान मिटते हुए प्रसाद कि दुकानों पर हाथ -पैर धोकर प्रसाद में श्री बाला जी के प्रिय भोग बेसन के लड्डू व फूल माला आदि लेकर मंदिर में प्रवेश करते हैं जहाँ पर विशाल श्री बाला जी के दर्शन करते हुए भगवान का भोग लगाते हैं और आशीर्वाद पातें हैं