Dharm Nagri Bharat (Temples in India)

Archives October 2021

मेंहदीपुर बालाजी

राजस्थान के दौसा जिले के पास स्थित है मेंहदीपुर बालाजी मंदिर. मेहंदीपुर बालाजी मंदिर लोगों के बीच काफी प्रचलित है. दूर-दूर से लोग यहां बाला जी महाराज के दर्शन को आते हैं.

भारत में अध्यात्म और धर्म को विशेष दर्जा प्राप्त है। भारत मंदिरों और धार्मिक कार्यों के लिए पूरी दुनिया में विख्यात है। 21वीं सदी में भी भारत में कई ऐसे मंदिर हैं, जो रहस्यों से भरे हुए हैं। सभी मंदिरों के पीछे कोई न कोई रोचक कहानी जुड़ी हुई है। इन सब में एक मंदिर मेंहदीपुर बालाजी है, जो राजस्थान के दौसा जिले के पास दो पहाड़ियों के बीच बसा हुआ है। यहां पर आपको विचित्र चीजें देखने को मिलेंगी, जिनसे आप डर भी सकते हैं। वैज्ञानिक भूत-प्रेत के अस्तित्व से इंकार करते हैं, लेकिन यहां का नजारा आपको सोचने पर मजबूर कर देगा। यहां हर रोज दूर दराज से लोग भूत प्रेत की बाधा से मुक्ति पाने के लिए आते हैं।

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मेंहदीपुर बालाजी

राजस्थान के दौसा जिले के पास स्थित है मेंहदीपुर बालाजी मंदिर. मेहंदीपुर बालाजी मंदिर लोगों के बीच काफी प्रचलित है. दूर-दूर से लोग यहां बाला जी महाराज के दर्शन को आते हैं.

भारत में अध्यात्म और धर्म को विशेष दर्जा प्राप्त है। भारत मंदिरों और धार्मिक कार्यों के लिए पूरी दुनिया में विख्यात है। 21वीं सदी में भी भारत में कई ऐसे मंदिर हैं, जो रहस्यों से भरे हुए हैं। सभी मंदिरों के पीछे कोई न कोई रोचक कहानी जुड़ी हुई है। इन सब में एक मंदिर मेंहदीपुर बालाजी है, जो राजस्थान के दौसा जिले के पास दो पहाड़ियों के बीच बसा हुआ है। यहां पर आपको विचित्र चीजें देखने को मिलेंगी, जिनसे आप डर भी सकते हैं। वैज्ञानिक भूत-प्रेत के अस्तित्व से इंकार करते हैं, लेकिन यहां का नजारा आपको सोचने पर मजबूर कर देगा। यहां हर रोज दूर दराज से लोग भूत प्रेत की बाधा से मुक्ति पाने के लिए आते हैं।

माँ वैष्णो देवी
माता वैष्णो देवी मंदिर, हिन्दू मान्यता अनुसार, माँ आदिशक्ति दुर्गा स्वरूप माँ वैष्णो देवी जिन्हे त्रिकुटा और वैष्णवी नाम से भी जाना जाता है, देवी को समर्पित मुख्य पवित्रतम हिन्दू मंदिरों में से एक है, जो भारत केेे जम्मू और कश्मीर के जम्मू सम्भाग में त्रिकुट पर्वत पर स्थित है। इस धार्मिक स्थल की आराध्य देवी, वैष्णो देवी को सामान्यतः माता रानी, वैष्णवी, दुर्गा तथा शेरावाली माता जैसे अनेक नामो से भी जाना जाता है। यहा पर आदिशक्ति स्वरूप महालक्ष्मी, महाकाली तथा महासरस्वती पिंडी रूप मे त्रेता युग से एक गुफा मे विराजमान है और माता वैष्णो देवी स्वयं यहा पर अपने शाश्वत निराकार रूप मे विराजमान है। वेद पुराणो के हिसाब से ये मंदिर 108 शक्ति पीठ मे भी शामिल है। यहा पर लोग 14 किमी की चढ़ाई करके भवन तक पहुँचते है। घोड़ा, पिठु, पालकी, हेलिकॉप्टर, ट्राम रोपवे जैसी अनेक सुविधाए यहाँ पर उपलब्द है। यहा पर पहुँचने के लिए मुख्य दो साधन है – रेलवे और रोडवे जिसमे से जादातार लोग रेलवे अर्थार्थ ट्रेन से आना पसंद करते है। यहा का रेलवे स्टेशन श्री माता वैष्णो देवी कटरा पूरे भारत से जुड़ा हुआ है।
माता वैष्णो देवी मंदिर
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माँ वैष्णो देवी
माता वैष्णो देवी मंदिर, हिन्दू मान्यता अनुसार, माँ आदिशक्ति दुर्गा स्वरूप माँ वैष्णो देवी जिन्हे त्रिकुटा और वैष्णवी नाम से भी जाना जाता है, देवी को समर्पित मुख्य पवित्रतम हिन्दू मंदिरों में से एक है, जो भारत केेे जम्मू और कश्मीर के जम्मू सम्भाग में त्रिकुट पर्वत पर स्थित है। इस धार्मिक स्थल की आराध्य देवी, वैष्णो देवी को सामान्यतः माता रानी, वैष्णवी, दुर्गा तथा शेरावाली माता जैसे अनेक नामो से भी जाना जाता है। यहा पर आदिशक्ति स्वरूप महालक्ष्मी, महाकाली तथा महासरस्वती पिंडी रूप मे त्रेता युग से एक गुफा मे विराजमान है और माता वैष्णो देवी स्वयं यहा पर अपने शाश्वत निराकार रूप मे विराजमान है। वेद पुराणो के हिसाब से ये मंदिर 108 शक्ति पीठ मे भी शामिल है। यहा पर लोग 14 किमी की चढ़ाई करके भवन तक पहुँचते है। घोड़ा, पिठु, पालकी, हेलिकॉप्टर, ट्राम रोपवे जैसी अनेक सुविधाए यहाँ पर उपलब्द है। यहा पर पहुँचने के लिए मुख्य दो साधन है – रेलवे और रोडवे जिसमे से जादातार लोग रेलवे अर्थार्थ ट्रेन से आना पसंद करते है। यहा का रेलवे स्टेशन श्री माता वैष्णो देवी कटरा पूरे भारत से जुड़ा हुआ है।
माता वैष्णो देवी मंदिर