भारत की राजधानी दिल्ली के नेहरू प्लेस (कालकाजी मंदिर) के पास स्थित एक बहाई उपासना स्थल है। यह अपने आप में एक अनूठा मंदिर है। यहाँ पर न कोई मूर्ति है और न ही किसी प्रकार का कोई धार्मिक कर्म-कांड किया जाता है, इसके विपरीत यहाँ पर विभिन्न धर्मों से संबंधित विभिन्न पवित्र लेख पढ़े जाते हैं।भारत के लोगों के लिए कमल का फूल पवित्रता तथा शांति का प्रतीक होने के साथ ईश्वर के अवतार का संकेत चिह्न भी है।मंदिर का उद्घाटन २४ दिसंबर १९८६ को हुआ लेकिन आम जनता के लिए यह मंदिर १ जनवरी १९८७ को खोला गया।