आश्चर्य की बात यह है कि बाल ब्रह्मचारी के रूप में प्रसिद्ध हनुमान जी के पैरों के नीचे है स्त्री के रूप में प्रतिमा शनि देव की जो कि व्याधि उपाधि के तौर पर जाने जाते हैं और जिन्होंने हनुमान जी से बचने के लिए स्त्री का स्वरूप धारण किया था। और आज भी यहां हनुमान जी की पूजा और अर्चना करने मात्र से शनि दोष दूर हो जाते हैं।कुछ भक्त तो मात्र शनि प्रकोप से बचने के लिए यहां आते हैं क्योंकि वो तो जानते हैं कि वो शनिदेव से डरते हैं लेकिन शनिदेव अगर किसी से डरते हैं तो वो स्वयं कष्ट भंजन हनुमान जी से।
आश्चर्य की बात यह है कि बाल ब्रह्मचारी के रूप में प्रसिद्ध हनुमान जी के पैरों के नीचे है स्त्री के रूप में प्रतिमा शनि देव की जो कि व्याधि उपाधि के तौर पर जाने जाते हैं और जिन्होंने हनुमान जी से बचने के लिए स्त्री का स्वरूप धारण किया था। और आज भी यहां हनुमान जी की पूजा और अर्चना करने मात्र से शनि दोष दूर हो जाते हैं।कुछ भक्त तो मात्र शनि प्रकोप से बचने के लिए यहां आते हैं क्योंकि वो तो जानते हैं कि वो शनिदेव से डरते हैं लेकिन शनिदेव अगर किसी से डरते हैं तो वो स्वयं कष्ट भंजन हनुमान जी से।
गोमती राजघाट नैमिषारण्य हिन्दुओं का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। जो उत्तर प्रदेश में लखनऊ से लगभग 80 किमी दूर सीतापुर जिले में है प्रतिदिन गोमतीराजघाट नैमिषारण्य,सीतापुर से माता गोमती के दर्शन व पूजा आरती का लाभ प्राप्त करे।।श्री अष्टांग कवच आरती की तरफ से सभी भक्तगणों को मां आदिगंगा गोमती का हार्दिक आशीर्वाद ।।
गोमती राजघाट नैमिषारण्य हिन्दुओं का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। जो उत्तर प्रदेश में लखनऊ से लगभग 80 किमी दूर सीतापुर जिले में है प्रतिदिन गोमतीराजघाट नैमिषारण्य,सीतापुर से माता गोमती के दर्शन व पूजा आरती का लाभ प्राप्त करे।।श्री अष्टांग कवच आरती की तरफ से सभी भक्तगणों को मां आदिगंगा गोमती का हार्दिक आशीर्वाद ।।
कनक भवन अयोध्या में राम जन्म भूमि, रामकोट के उत्तर-पूर्व में है। कनक भवन अयोध्या के बेहतरीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि यह भवन भगवान श्री राम जी से विवाह के तुरंत बाद महारानीकैकेयी जी द्वारा देवी सीता जी को उपहार में दिया गया था। यह देवी सीता और भगवान राम का निजी महल है।
कनक भवन अयोध्या में राम जन्म भूमि, रामकोट के उत्तर-पूर्व में है। कनक भवन अयोध्या के बेहतरीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि यह भवन भगवान श्री राम जी से विवाह के तुरंत बाद महारानीकैकेयी जी द्वारा देवी सीता जी को उपहार में दिया गया था। यह देवी सीता और भगवान राम का निजी महल है।
श्री बाला जी का मन्दिर पांच बीघा में फैला हुआ है यह स्थान शारदा नदी के किनारे बसा हुआ बहुत आकर्षक दिखाई पड्ता है | यहाँ की शुध्द जलवायु और पवित्र वतावरण मन को बहुत आनंद प्रदान करता है |यहाँ नगर जीवन की रचनाएँ भी देखने को मिलेंगी जहाँ घने वृक्षों के बीच मन्दिर बना हुआ है दूर -दूर से आये हुए भक्त अपनी थकान मिटते हुए प्रसाद कि दुकानों पर हाथ -पैर धोकर प्रसाद में श्री बाला जी के प्रिय भोग बेसन के लड्डू व फूल माला आदि लेकर मंदिर में प्रवेश करते हैं जहाँ पर विशाल श्री बाला जी के दर्शन करते हुए भगवान का भोग लगाते हैं और आशीर्वाद पातें हैं
श्री बाला जी का मन्दिर पांच बीघा में फैला हुआ है यह स्थान शारदा नदी के किनारे बसा हुआ बहुत आकर्षक दिखाई पड्ता है | यहाँ की शुध्द जलवायु और पवित्र वतावरण मन को बहुत आनंद प्रदान करता है |यहाँ नगर जीवन की रचनाएँ भी देखने को मिलेंगी जहाँ घने वृक्षों के बीच मन्दिर बना हुआ है दूर -दूर से आये हुए भक्त अपनी थकान मिटते हुए प्रसाद कि दुकानों पर हाथ -पैर धोकर प्रसाद में श्री बाला जी के प्रिय भोग बेसन के लड्डू व फूल माला आदि लेकर मंदिर में प्रवेश करते हैं जहाँ पर विशाल श्री बाला जी के दर्शन करते हुए भगवान का भोग लगाते हैं और आशीर्वाद पातें हैं
Vallakottai Subramanya Swamy Temple is in Vallakottai. The temple was recently damaged. The timing of the festival varies. Frequent facility is available from the village Tambaram and Sripirambudur. The temple has the beauty of Mantra Muruga in India on the land of Sumanya Brahma.
Vallakottai Subramanya Swamy Temple is in Vallakottai. The temple was recently damaged. The timing of the festival varies. Frequent facility is available from the village Tambaram and Sripirambudur. The temple has the beauty of Mantra Muruga in India on the land of Sumanya Brahma.