आश्चर्य की बात यह है कि बाल ब्रह्मचारी के रूप में प्रसिद्ध हनुमान जी के पैरों के नीचे है स्त्री के रूप में प्रतिमा शनि देव की जो कि व्याधि उपाधि के तौर पर जाने जाते हैं और जिन्होंने हनुमान जी से बचने के लिए स्त्री का स्वरूप धारण किया था। और आज भी यहां हनुमान जी की पूजा और अर्चना करने मात्र से शनि दोष दूर हो जाते हैं।कुछ भक्त तो मात्र शनि प्रकोप से बचने के लिए यहां आते हैं क्योंकि वो तो जानते हैं कि वो शनिदेव से डरते हैं लेकिन शनिदेव अगर किसी से डरते हैं तो वो स्वयं कष्ट भंजन हनुमान जी से।